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एक युवक चलती ट्रेन में एकल आनंद का आनंद लेता है, उसका हाथ कुशलता से अपने बड़े सदस्य को सहलाता है। अचानक, एक अप्रत्याशित रुकावट उसके परमानंद को बाधित करती है, जिससे चरमोत्कर्ष होता है।.