कबीर के सार से बुझी प्यास, दूसरों के लिए अप्रतिरोध्य हो गई
like
dislike
0%0 votes
Thanks for voting
कबीर के सार से अपनी प्यास बुझाती चंटल, दूसरों के लिए अप्रतिरोध्य बन जाती है। वह उत्सुकता से उसके लंड को चूसती है, उसके मुँह में वीर्य को थूकती है, जिससे उसके चेहरे पर उसका निशान पड़ जाता है।.